हिम्मत ओर ज़िन्दगी, Chapter -1, Himmat aur Zindagi
हिम्मत ओर ज़िन्दगी, Chapter -1
अभ्यासमाला (Practice Set)
(अ) सही विकल्प का चयन करो (Choose the correct option)
1. किन व्यक्तियों को सुख का स्वाद अधिक मिलता है?
(क) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है।
(ख) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है।
(ग) जिसके पास धन और बल दोनों हैं।
(घ) जो पहले दुःख झेलता है।
Ans.(ख) जो सुख का मूल्य पहले चुकाता है और उसका मजा बाद में लेता है।
2. पानी में जो अमृत-तत्त्व है, उसे कौन जानता है?
(क) जो प्यासा है।
(ख) जो धूप में खूब सूख चुका है।
(ग) जिसका कंठ सूखा हुआ है।
(घ) जो रेगिस्तान से आया है।
Ans.(ख) जो धूप में खूब सूख चुका है।
3. ‘गोधूली वाली दुनिया के लोगों’ से अभिप्राय है –
(क) विवशता और अभाव में जीने वाले लोग।
(ख) जय-पराजय के अनुभव से परे लोग।
(ग) फल की कामना न करने वाले लोग।
(घ) जीवन को दाँव पर लगाने वाले लोग।
Ans.(घ) जीवन को दाँव पर लगाने वाले लोग।
4. साहसी मनुष्य की पहली पहचान यह है कि वह
(क) सदा आगे बढ़ता जाता।
(ख) बाधाओं से नहीं घबराता है।
(ग) लोगों की सोच की परवाह नहीं करता।
(घ) बिलकुल निडर होता है।
Ans.(घ) बिलकुल निडर होता है।
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(आ) संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 25 शब्दों में) (Answer briefly in about 25 words)
1. चाँदनी की शीतलता का आनंद कैसा मनुष्य उठा पाता है?
Ans.चाँदनी की शीतलता का आनंद वह मनुष्य उठा पाता है जो दिन भर धूप में थक कर लौटा हो, जिसके शरीर को शीतलता की आवश्यकता महसूस होती हो, और जो यह जानकर संतुष्ट हो कि उसने दिन भर का समय किसी अच्छे काम में लगाया है।
2. लेखक ने अकेले चलने वाले की तुलना सिंह से क्यों की है?
Ans.लेखक ने अकेले चलने वाले की तुलना सिंह से इसलिए की है क्योंकि जिस प्रकार झुंड में चलना और चरना भैंस और भेड़ का काम है, उसी प्रकार सिंह बिल्कुल अकेला होने पर भी मगन रहता है। यह साहसी मनुष्य के निडर और स्वतंत्र विचारों का प्रतीक है।
3. जिंदगी का भेद किसे मालूम है?
Ans.जिंदगी का भेद उसे मालूम है जो यह जानकर चलता है कि जिंदगी कभी भी खत्म न होने वाली चीज है और जो उसके सभी अक्षरों को फूलों के साथ-साथ अंगारों से भी लिखा मानता है, अर्थात, जो उसके संकटों का सामना करता है।
4. लेखक ने जीवन के साधकों को क्या चुनौती दी है?
Ans.लेखक ने जीवन के साधकों को चुनौती दी है कि अगर वे किनारे की मरी हुई सीपियों से ही संतोष कर लेंगे तो समुद्र के गहरे तल में छिपे हुए मोतियों के भंडार (महान उपलब्धियों) को कौन बाहर लाएगा। उन्हें अपनी पहुँच के परे मानी गई चीजों को हासिल करने के लिए कामना का आँचल छोटा न करने को कहा गया है।
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(इ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो (लगभग 50 शब्दों में) (Answer the following questions in about 50 words)
1. लेखक ने जिंदगी की कौन-सी दो सूरतें बताई हैं और उनमें से किसे बेहतर माना है?
Ans.लेखक ने जिंदगी की दो सूरतें बताई हैं:
साहसी जीवन: आदमी बड़े-से-बड़े मकसद के लिए कोशिश करे, असफलताएँ मिलने पर भी पीछे न हटे, और जगमगाती हुई जीत पर पंजा डालने के लिए हाथ बढ़ाए।
साधारण जीवन: गरीब आत्माओं का हमजोली बनकर ऐसी ‘गोधूलि’ (संध्या बेला) में बसना जहाँ न जीत की खुशी हो और न हार का रोना; जहाँ लोग बंधे हुए घाट का पानी पीते हैं और जिंदगी के साथ जुआ नहीं खेलते।
लेखक ने साहसी जीवन को बेहतर माना है क्योंकि वह बिल्कुल निडर और बेखौफ होता है और उसमें पूरी जिंदगी को दाँव पर लगाने का आनंद होता है।
2. जीवन में सुख प्राप्त न होना और मौके पर हिम्मत न दिखा पाना- इन दोनों में से लेखक ने किसे श्रेष्ठ माना है और क्यों?
Ans.लेखक ने जीवन में सांसारिक अर्थों में सुख प्राप्त न होने को श्रेष्ठ माना है।
इसका कारण यह है कि यदि आदमी बड़े मौके पर साहस नहीं दिखा सका, तो वह जीवन भर अपनी आत्मा की धिक्कार सुनता रहेगा कि “तुम साहस नहीं दिखा सके, तुम कायर की तरह भाग खड़े हुए।” यह धिक्कार मरने के समय भी नहीं रुकती। इसलिए, सुख न मिलने पर भी आत्म-धिक्कार से बचना अधिक महत्वपूर्ण है।
3. पाठ के अंत में दी गई कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को क्या सीख दी गई है?
Ans.पाठ के अंत में दी गई कविता की पंक्तियों से युधिष्ठिर को यह सीख दी गई है कि जीवन उनका नहीं होता जो उससे डरते हैं। बल्कि, जीवन उनका है जो निर्भय होकर लड़ते हैं और अपने चरण रोपकर (दृढ़ता से खड़े होकर) अपनी राह बनाते हैं। यह सीख उन्हें साहस, दृढ़ता और संघर्ष का महत्व समझाती है कि जीवन में सफलता डरने से नहीं, बल्कि निर्भीक होकर सामना करने से मिलती है।
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(ई) सप्रसंग व्याख्या करो (लगभग 100 शब्दों में) (Explain with reference to context in about 100 words)
(क) साहसी मनुष्य सपने उधार नहीं लेता, वह अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है।
प्रसंग:
Ans.यह पंक्तियाँ राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा लिखित निबंध ‘हिम्मत और जिंदगी’ से ली गई हैं। इनमें लेखक ने साहसी मनुष्य की मौलिकता, स्वावलंबन और आत्म-निर्भरता के गुण पर प्रकाश डाला है।
व्याख्या:
लेखक कहते हैं कि साहसी व्यक्ति वह होता है जो जनमत की चिंता नहीं करता और भीड़ से अलग अपनी पहचान बनाता है। ‘सपने उधार नहीं लेता’ का अर्थ है कि वह अपने लक्ष्य, विचार और कल्पनाएँ किसी दूसरे से कॉपी नहीं करता या किसी के प्रभाव में आकर नहीं बनाता। ‘अपने विचारों में रमा हुआ अपनी ही किताब पढ़ता है’ का तात्पर्य है कि साहसी मनुष्य अपनी अंतरात्मा की आवाज पर विश्वास करता है। वह अपने ही विचारों और अनुभवों में लीन रहता है, अपने मौलिक सिद्धांतों का पालन करता है, और समाज के बंधे-बंधाये रास्तों की उपेक्षा करके अपने लिए नया रास्ता चुनता है। वह किसी दूसरे के नक्शेकदम पर नहीं चलता, बल्कि स्वयं का मार्गदर्शक होता है।
(ख) कामना का अंचल छोटा मत करो, जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो, रस की निर्झरी तुम्हारे बहाए भी बह सकती है।
Ans.प्रसंग:
यह पंक्तियाँ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के निबंध ‘हिम्मत और जिंदगी’ के अंतिम भाग से ली गई हैं। इनमें लेखक ने जीवन के साधकों को साहस, महत्वाकांक्षा और पूर्णता के साथ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है।
व्याख्या:
लेखक जीवन के साधकों को यह चुनौती देते हैं कि वे अपनी इच्छाओं और महत्वाकांक्षाओं के दायरे को सीमित न करें (‘कामना का अंचल छोटा मत करो’)। उन्हें जीवन से अधिकतम आनंद और सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाता है। ‘जिंदगी के फल को दोनों हाथों से दबाकर निचोड़ो’ का अर्थ है कि जीवन के हर पल का पूरा लाभ उठाओ, पूरी निष्ठा और लगन से संघर्ष करो, और जोखिम लेने से मत डरो। लेखक कहते हैं कि अगर तुम सच्चे मन से प्रयास करो, तो आनंद और सफलता का झरना (‘रस की निर्झरी’) तुम्हारे बहाए भी बह सकता है। इसका सार यह है कि जितनी पूँजी (साहस और प्रयास) हम जिंदगी में लगाते हैं, अंत में हमें उससे उतना ही फल मिलता है।
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भाषा और व्याकरण ज्ञान (Language and Grammar Knowledge)
1. संबंधवाचक सर्वनामों का प्रयोग करते हुए कोई अन्य पाँच वाक्य बनाओ।
संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronouns) वे होते हैं जो वाक्य के दो उपवाक्यों के बीच संबंध स्थापित करते हैं (जैसे: जो-सो, जैसा-वैसा, जिसकी-उसकी, जिसे-उसे)।
जो मेहनत करता है, सो सफलता पाता है।
जैसी करनी, वैसी भरनी।
जिसकी लाठी, उसकी भैंस।
यह वही छात्र है जिसे कल पुरस्कार मिला था।
जो बोओगे, वही काटोगे।
2. पाठ में से उनके अरबी-फारसी रूप चुनकर लिखो:
Ans.
भय – खौफ
सुगंधित – खुशबूदार
अनुभव – तजुर्बा
विशेषता – सिफत
अंतर – फर्क
वास्तविक – असली
प्रयास – कोशिश
आवश्यकता – जरूरत
