कलम ओर तलबार Chapter – 10
कलम ओर तलबार Chapter – 10
अभ्यासमाला (Abhyasmala)
1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो
(क) कलम किसका प्रतीक है ?
उत्तर: कलम ज्ञानशक्ति का प्रतीक है।
(ख) तलवार किसका प्रतीक है ?
उत्तर: तलवार दैहिक शक्ति का प्रतीक है।
(ग) संसार में कलम और तलवार में से किसकी शक्ति असीम है ?
उत्तर: इस प्रश्न का उत्तर सीधे तौर पर पाठ में उपलब्ध नहीं है, लेकिन कवि कलम को देश की बड़ी शक्ति मानता है जो विचारों के जलते अंगारे पैदा करती है, जिससे यह निहित है कि कलम की शक्ति विचारों के माध्यम से असीम हो सकती है।
(घ) मीठे गान की सृष्टि किसके द्वारा होती है ?
उत्तर: मीठे गान की सृष्टि कलम के द्वारा होती है (जो ऊँचे, मीठे गान रचने के लिए प्रयुक्त होती है)।
(ङ) युद्ध किसके बल पर जीता जा सकता है ?
उत्तर: युद्ध तलवार के बल पर जीता जा सकता है।
(च) किसमें विचारों की शक्ति होती है?
उत्तर: विचारों की शक्ति कलम में होती है।
2. अति संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग 25 शब्दों में):
(क) कलम हमारे किस काम आती है ?
उत्तर: कलम ज्ञान का दीप जलाकर उजियाली फैलाने, मन में ऊँचे भाव जगाने और विचारों की शक्ति द्वारा समाज में नई चेतना पैदा करने के काम आती है।
(ख) तलवार की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर: तलवार की उपयोगिता युद्ध में विजयी होने, हिंसक पशुओं से आत्मरक्षा करने और घर की रखवाली करने के लिए होती है।
(ग) ‘अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान’ का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति का आशय है कि क्या तुम अज्ञानता (अंध कक्ष) में बैठकर केवल भावनात्मक (मीठे गान) रचनाएँ करोगे, या बाहर निकलकर कर्म क्षेत्र (मैदान) में दैहिक शक्ति (तलवार) से विजय प्राप्त करोगे।
(घ) कलम विचारों के अंगारे कैसे पैदा करती है ?
उत्तर: कलम अपनी लेखन शक्ति से लोगों के दिलों और दिमागों में आग लगाकर, यानी क्रांतिकारी और ज्वलंत विचार भरकर, समाज में नई चेतना और उत्साह पैदा करती है, जिससे विचारों के अंगारे उत्पन्न होते हैं।
(ङ) अक्षर चिनगारी कैसे बनते हैं ?
उत्तर: अक्षर चिनगारी तब बनते हैं जब कलम आग उगलती है। इसका अर्थ है कि जब लेखक के विचार इतने तेजस्वी, जोशीले और प्रेरणादायक होते हैं कि वे लोगों में उत्साह भरकर उन्हें कर्म के लिए प्रेरित करते हैं।
3. संक्षेप में उत्तर दो (लगभग 50 शब्दों में):
(क) हाथों में शस्त्रास्त्र न होने पर भी कलम के द्वारा समाज में फैले भ्रष्टाचार-अनाचार को कैसे दूर किया जा सकता है?
उत्तर: हाथों में शस्त्रास्त्र न होने पर भी, कलम विचारों के जलते अंगारे पैदा करती है और लोगों के दिलों तथा दिमागों में आग लगाती है। जहाँ कलम आग उगलती है और अक्षर चिनगारी बन जाते हैं, वहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम शोले जलते हैं। इस तरह, ज्ञान और चेतना के माध्यम से लोगों को जाग्रत करके भ्रष्टाचार और अनाचार को दूर किया जा सकता है, क्योंकि वहाँ तलवार की आवश्यकता की चिंता नहीं रहती।
(ख) कलम और तलवार में से तुम क्या लेना पसंद करोगे और क्यों ?
उत्तर: मैं कलम लेना पसंद करूँगा। क्योंकि कलम ज्ञानशक्ति का प्रतीक है और विचारों के जलते अंगारे पैदा करके समाज में नई चेतना जगा सकती है। कवि के अनुसार, जहाँ मनुष्यों के भीतर हरदम शोले जलते हैं और दिमाग में गोले होते हैं, वहाँ तलवार न होने की चिंता नहीं होती। यानी, वैचारिक क्रांति की शक्ति शारीरिक शक्ति से अधिक स्थायी और प्रभावकारी है।
(ग) इस कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है ?
उत्तर: यह कविता हमें कलम (ज्ञानशक्ति/विचारशक्ति) और तलवार (दैहिक शक्ति/कर्मशक्ति) दोनों के महत्व पर प्रकाश डालती है। यह प्रेरणा देती है कि ज्ञान का दीप जलाकर समाज में उजियाली फैलाना चाहिए, लेकिन साथ ही हिंसक तत्वों से आत्मरक्षा के लिए शक्तिशाली (तलवार) भी होना आवश्यक है। हालांकि, जहाँ लोगों के विचारों में ज्वलंत क्रांति हो, वहाँ वैचारिक शक्ति दैहिक शक्ति से अधिक प्रबल सिद्ध होती है।
4. सम्यक उत्तर दो (लगभग 100 शब्दों में):
(क) ‘कलम और तलवार’ कविता का सारांश लिखो।
उत्तर:
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ द्वारा रचित ‘कलम और तलवार’ कविता इन दो शक्तियों के महत्व की तुलना करती है। कवि पूछता है कि व्यक्ति को ज्ञान-भाव (कलम) चाहिए या अजेय शक्ति (तलवार)। कलम ज्ञानशक्ति का प्रतीक है जिसके द्वारा मीठे गान रचे जाते हैं और विचारों की शक्ति से समाज में नई चेतना लाई जाती है। कलम देश की बड़ी शक्ति है जो विचारों के अंगारे पैदा कर सकती है। दूसरी ओर, तलवार दैहिक शक्ति का प्रतीक है, जो युद्ध जीतने और हिंसक जीवों से आत्मरक्षा के लिए आवश्यक है। कवि अंत में कहते हैं कि जहाँ लोगों के मन में ज्वलंत विचार होते हैं और अक्षर चिनगारी बनकर आग उगलते हैं, वहाँ वैचारिक क्रांति इतनी प्रबल होती है कि उन्हें बाहरी तलवार की आवश्यकता की चिंता नहीं होती।
(ख) कलम और तलवार में किसकी शक्ति अधिक है? तर्क सहित अपना विचार प्रस्तुत करो।
उत्तर:
कवि ‘दिनकर’ ने दोनों को स्वतंत्र सत्ता और महत्ता वाला बताया है, लेकिन कवि की पंक्तियों से यह स्पष्ट है कि कलम की शक्ति अधिक है।
वैचारिक क्रांति की श्रेष्ठता: कलम ज्ञानशक्ति का प्रतीक है और यह विचारों के जलते अंगारे पैदा करती है तथा दिलों-दिमागों में आग लगाती है।
आत्मनिर्भरता: जहाँ मनुष्य विचारों में हलाहल की धार पालते हैं, यानी क्रांतिकारी सोच रखते हैं, वहाँ उन्हें तलवार न होने की चिंता नहीं रहती।
ज्ञान बनाम हिंसा: कलम ज्ञान का दीप जलाकर उजियाली लाती है, जबकि तलवार का मुख्य उपयोग रक्षा या हिंसा में होता है। स्थायी परिवर्तन और विकास के लिए ज्ञान की शक्ति ही सबसे ऊपर है।
अतः, यद्यपि दोनों का अपना महत्व है, पर कवि के भाव के अनुसार, कलम की वैचारिक शक्ति ही अंतिम रूप से अधिक प्रभावशाली और श्रेष्ठ है।
5. सप्रसंग व्याख्या करो (Explain with reference to context):
(क) अंध कक्ष में बैठ रचोगे ऊँचे मीठे गान ?
या तलवार पकड़ जीतोगे बाहर जा मैदान ?
उत्तर:
प्रसंग: यह पंक्तियाँ रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की कविता ‘कलम और तलवार’ से ली गई हैं। कवि यहाँ व्यक्ति के सामने दो रास्तों—कर्महीन ज्ञान या सक्रिय कर्म—में से एक को चुनने का प्रश्न रखते हैं।
व्याख्या: पहली पंक्ति कलम से जुड़े जीवन का प्रश्न है: क्या तुम अंधेरे/अज्ञानता (अंध कक्ष) में बैठकर केवल कल्पनाशील या भावनात्मक (ऊँचे मीठे गान) रचनाएँ करते रहोगे? यह अप्रत्यक्ष रूप से निष्क्रियता की ओर इशारा करती है। दूसरी पंक्ति तलवार से जुड़े जीवन का प्रश्न है: या तुम उस निष्क्रियता को त्यागकर बाहर कर्मक्षेत्र (मैदान) में जाओगे और शारीरिक शक्ति/साहस (तलवार) के बल पर विजय प्राप्त करोगे? कवि यहाँ कर्मशील होने और केवल कल्पनाओं में न खोये रहने की प्रेरणा देता है।
(ख) लहू गर्म रखने को रखो मन में ज्वलित विचार,
हिंस्र जीव से बचने को चाहिए किंतु, तलवार।
उत्तर:
प्रसंग: यह पंक्तियाँ ‘कलम और तलवार’ कविता से हैं। कवि यहाँ यह स्पष्ट करते हैं कि वैचारिक शक्ति (कलम) और दैहिक शक्ति (तलवार) दोनों का अपना-अपना महत्व है।
व्याख्या: पहली पंक्ति कलम की शक्ति को दर्शाती है: राष्ट्र के प्रति उत्साह, अन्याय के विरुद्ध प्रतिरोध और क्रांति की भावना को बनाए रखने के लिए मन में ज्वलंत (तेजस्वी/क्रांतिकारी) विचार रखना आवश्यक है। ये विचार ही हमारे लहू को गर्म रखते हैं। दूसरी पंक्ति तलवार की आवश्यकता बताती है: हालाँकि विचार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जीवन की वास्तविक और तत्काल चुनौतियों, जैसे हिंसक लोगों या जीवों से आत्मरक्षा के लिए शारीरिक शक्ति यानी तलवार (शस्त्र) की भी जरूरत होती है। इस प्रकार, कवि वैचारिक शक्ति के साथ-साथ व्यावहारिक शक्ति को भी आवश्यक मानते हैं।
(ग) जहाँ लोग पालते लहू में हलाहल की धार,
क्या चिंता यदि वहाँ हाथ में हुई नहीं तलवार ?
उत्तर:
प्रसंग: यह पंक्तियाँ ‘कलम और तलवार’ कविता का अंतिम भाग है, जिसमें कवि वैचारिक शक्ति (कलम) की सर्वोच्चता को स्थापित करते हैं।
व्याख्या: ‘लहू में हलाहल की धार पालना’ का अर्थ है कि लोगों के रक्त में विष (हलाहल-कालकूट विष) की तरह भयंकर, क्रांतिकारी और विद्रोही विचार समाए हुए हैं। ये विचार अन्याय और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की शक्ति रखते हैं। कवि कहते हैं कि जिस समाज में विचारों की शक्ति इतनी प्रबल हो कि अक्षर भी चिनगारी बन जाएँ और दिमाग में गोले हों, वहाँ बाहरी तलवार (दैहिक शक्ति) न होने की कोई चिंता नहीं है। अर्थात्, जब वैचारिक क्रांति की शक्ति उच्चतम स्तर पर होती है, तो वह आत्मरक्षा और विजय के लिए तलवार की आवश्यकता को समाप्त कर देती है।
1. निम्नांकित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो:
(घर, तलवार, दीप, लहू, बिजली, तन, अपार, शक्ति)
घर – गृह, आवास/सदन
तलवार – कृपाण, खड्ग
दीप – दीपक, दीया/प्रदीप
लहू – रक्त/खून, रुधिर
बिजली – विद्युत, चपला/दामिनी
तन – शरीर, देह/काया
अपार – असीम, अनंत/बहुत अधिक
शक्ति – बल, सामर्थ्य/क्षमता
2. निम्नांकित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखो (अनेकार्थी शब्द):
(कलम, कक्षा, मैदान, अक्षर)
कलम – लिखने का साधन (पेन), पौधारोपण के लिए डाली गई डाल/शाखा
कक्षा – श्रेणी/जमात (क्लास), कमरबंद/मेखला
मैदान – खुला क्षेत्र/युद्धस्थल, विषय/क्षेत्र
अक्षर – वर्ण/ध्वनि-चिह्न, ईश्वर/अविनाशी/नष्ट न होने वाला
