कश्मीरी सेब, Chapter – 2, Class – 8, SEBA

कश्मीरी सेब, Chapter – 2, Class – 8, SEBA

ये प्रश्न और उत्तर पाठ “कश्मीरी सेब” (पाठ-2) से लिए गए हैं, जो प्रेमचंद द्वारा लिखित एक कहानी है।
अभ्यास-माला

1. ‘कश्मीरी सेब’ कहानी को पढ़कर अपने शब्दों में सुनाओ।
उत्तर (मार्गदर्शन): विद्यार्थी को कहानी का सार अपने शब्दों में सुनाना है। सार इस प्रकार है:
एक बार लेखक (प्रेमचंद) चौक में खरीदारी करने गए, जहाँ उन्होंने एक पंजाबी मेवाफ़रोश की दुकान पर अच्छे रंगदार कश्मीरी सेब देखे। विटामिन के महत्व को ध्यान में रखकर उन्होंने आधे सेर सेब माँगे। उन्होंने दुकानदार को रूमाल देते हुए चुन-चुनकर रखने को कहा और स्वयं बिना देखे-परखे पैसे देकर घर आ गए। सुबह जब वे सेब खाने के लिए निकाले तो पता चला कि चारों सेब ख़राब (सड़े हुए, दबे हुए, या सूराख वाले) थे। लेखक को पैसों का गम नहीं हुआ, बल्कि समाज में फैले चारित्रिक पतन का दुख हुआ। उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने खुद भी असावधानी बरतकर बेईमानी का अवसर दिया। कहानीकार अंत में पाठकों को सलाह देते हैं कि बाजार में आँखें बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए।
2. किसने कहा, किससे कहा?
(क) “बाबूजी, बड़े मजेदार सेब आए हैं।”
उत्तर: दुकानदार ने लेखक से कहा।
(ख) “सेब चुन-चुनकर रखना।”
उत्तर: लेखक ने दुकानदार से कहा।
3. एक वाक्य में उत्तर लिखो:
(क) दुकान पर किस रंग के सेब सजे हुए थे?
उत्तर: दुकान पर रंगदार, गुलाबी सेब सजे हुए थे।
(ख) बनारस किस आम के लिए प्रसिद्ध है?
उत्तर: बनारस लंगड़े आम के लिए प्रसिद्ध है।
(ग) लेखक ने दुकानदार से कितने सेब माँगे।
उत्तर: लेखक ने दुकानदार से आध सेर (आधा किलो) सेब माँगे।
(घ) लेखक ने दुकानदार को कितने पैसे दिए?
उत्तर: लेखक ने दुकानदार को चार आने (पुराना सिक्का) पैसे दिए।
(ङ) फल खाने का उपयुक्त समय क्या है?
उत्तर: फल खाने का उपयुक्त समय प्रातः काल (सुबह) है।
4. संक्षेप में उत्तर लिखो:
(क) हमारे बदले हुए खाद्याभ्यास के बारे में लेखक का क्या विचार है?
उत्तर: लेखक का विचार है कि आजकल शिक्षित समाज में हर चीज को विटामिन और प्रोटीन के शब्दों में विचार करने की प्रवृत्ति हो गई है। पहले जो चीजें (जैसे टमाटर और गाजर) गरीब लोग खाते थे, अब विटामिन के महत्व का पता चलने पर अमीर लोगों के भोजन का भी आवश्यक अंग बन गई हैं।
(ख) सेब खाने के क्या-क्या लाभ हैं?
उत्तर: सेब खाने के लाभ यह हैं कि सेब रस और स्वाद में आम से घटकर नहीं है, और यह कहा जाता है कि रोज एक सेब खाने से डॉक्टरों की जरूरत नहीं रहती है। साथ ही, सेब में विटामिन और प्रोटीन जैसे गुण भी होते हैं।
(ग) लेखक ने प्रातःकाल खाने के लिए जब सेब निकाले तो वे किस हालत में मिले?
उत्तर: प्रातःकाल जब लेखक ने खाने के लिए सेब निकाले, तो:
* पहला सेब सड़ा हुआ था।
* दूसरा सेब आधा सड़ा हुआ था।
* तीसरा सेब एक तरफ से दबकर बिल्कुल पिचक गया था।
* चौथे सेब में काला सूराख था और अंदर किड़हे बेर जैसे धब्बे थे।
   संक्षेप में, एक भी सेब खाने लायक नहीं था।
(घ) दुकानदार को लेखक से बेईमानी करने का अवसर कैसे मिला?
उत्तर: दुकानदार को लेखक से बेईमानी करने का अवसर इसलिए मिला क्योंकि लेखक ने आँखों से काम नहीं लिया और सहज भाव से रूमाल निकालकर उसे सेब चुनकर रखने को दे दिया। इस ढीलेपन और सहज विश्वास ने ही दुकानदार को धोखा देने की प्रेरणा दी।
(ङ) खोमचेवाले की ईमानदारी के बारे में लेखक ने क्या कहा है?
उत्तर: लेखक ने खोमचेवाले की ईमानदारी के बारे में बताया कि एक बार उन्होंने गलती से एक पैसे की रेवड़ियों के बदले उसे अठन्नी (आठ आने) दे दी थी। जब लेखक को अपनी भूल मालूम हुई और वह खोमचेवाले के पास गए, तो उसने प्रसन्नचित्त से अठन्नी लौटा दी और उलटे क्षमा भी माँगी।
(च) इस कहानी से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि हमें कोई भी सामान खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए, जाँच-परखकर खरीदना चाहिए, और किसी पर भी आँखें बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए। बेईमानी का अवसर देना (ढीलेपन या सहज विश्वास से) भी बेईमानी में सहयोग देना है।
5. “चार पैसों का इतना गम न हुआ, जितना समाज के इस चारित्रिक पतन का।” – लेखक ने किस परिस्थिति में ऐसा कहा है?
उत्तर: लेखक ने यह तब कहा जब उन्होंने सुबह सेब खाकर देखने के लिए निकाले और पाया कि चारों के चारों सेब खराब निकले थे। लेखक को लगा कि दुकानदार ने जान-बूझकर उनके साथ धोखेबाजी का व्यवहार किया है। उन्हें चार आने पैसे की हानि का उतना दुख नहीं हुआ, जितना इस बात का हुआ कि समाज में व्यापारियों की साख (विश्वास) भी खत्म हो रही है और हर जगह लोग बेईमानी करने लगे हैं।
6. सत्य कथन के सामने ✅ और असत्य कथन के सामने ❌ का निशान लगाओ:
(क) गाजर में अधिक विटामिन पाया जाता है। ✅
(ख) अल्फाँसो सेब की एक किस्म है। ❌ (अल्फाँसो आम की किस्म है)
(ग) फल खाने का सही समय रात है। ❌ (फल खाने का सही समय प्रातः काल है)
(घ) चौथे सेब में एक काला सूराख था। ✅
(ङ) दुकानदार ने लेखक को बढ़िया सेब दिए थे। ❌ (दुकानदार ने लेखक को सड़े हुए/खराब सेब दिए थे)
(च) आदमी बेईमानी तभी करता है, जब उसे अवसर मिलता है। ✅
(छ) लेखक ने दुकानदार को सेब की कीमत के रूप में चार आने पैसे दिए थे। ✅
(ज) एक सेब भी खाने लायक नहीं था। ✅
(झ) सभी दुकानदार बेईमानी करते हैं। ❌ (खोमचेवाले का उदाहरण ईमानदारी का है)
(ञ) खोमचेवाले ने लेखक की अठन्नी नहीं लौटायी। ❌ (खोमचेवाले ने अठन्नी लौटा दी थी)
भाषा-अध्ययन (Language Study)
1. दिए गए उदाहरण को देखकर निम्नलिखित शब्दों से वाक्य बनाओ
उदाहरण: शब्द और वाक्य इस प्रकार हैं:

सुबह – फल खाने का समय तो सुबह का है।

अमीर – अमीर लोग गाजर का हलवा खाते थे।

पश्चिम – इन विषयों पर अभी किसी पश्चिमी डॉक्टर की व्यवस्था देखने में नहीं आई।

हानि – आप बड़ी-से-बड़ी हानि उठाकर भी उधर न जाएँगे।

आशा – मुझे आशा है, पाठक बाजार में जाकर मेरी तरह आँखें न बंद कर लिया करेंगे।

2. संज्ञा (संज्ञा के भेद: व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक) पर आधारित प्रश्न:
अब निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान से पढ़ो और उसमें से संज्ञाएँ छाँटकर दी गई तालिका में लिखोः
गद्यांश: रामू का गाँव गंगा नदी के किनारे था। एक दिन रामू शहर से अपने गाँव लौट रहा था। रास्ते में उसे जोरों की भूख और प्यास लगी। कुछ दूरी पर उसे एक बड़ा-सा पेड़ दिखाई दिया। पेड़ के नीचे लोगों की भीड़ लगी थी। एक आदमी पके-पके आम बेच रहा था। आम की मिठास से रामू की भूख तेज हो गई। उसके पास कुछ सिक्के थे। उसने दो बड़े आम खरीदकर खाए। उसने पास ही में रखे पीतल के घड़े से पानी लेकर पीया और चल पड़ा।

Ans .संज्ञाएँ इस प्रकार हैं:

व्यक्तिवाचक संज्ञा – रामू, गंगा नदी

जातिवाचक संज्ञा – गाँव, शहर, पेड़, लोगों, भीड़, आदमी, आम, सिक्के, घड़े, पानी, पीतल (द्रव्यवाचक, जो जातिवाचक में आता है)

भाववाचक संज्ञा – भूख, प्यास, मिठासAns.
3. विशेषण (विशेषण के भेद: गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक और सार्वनामिक विशेषण) पर आधारित प्रश्न:
अब निम्नलिखित अनुच्छेद को पढ़ो और उसमें से विशेषण शब्दों को छाँटकर फिर से लिखो। प्रत्येक विशेषण शब्द के भेद का भी साथ में उल्लेख करो:
अनुच्छेद: रोहन एक अच्छा लड़का है। वह मधुर स्वर से गीत गाता है। उसके पास गीतों के बारह संकलन हैं। सरिता भी अच्छी लड़की है। वह बढ़िया नाचती है। उसका नृत्य देखकर लोग मोहित हो जाते हैं। दोनों को कई पुरस्कार भी मिले हैं।
विशेषण शब्द और उनके भेद इस प्रकार हैं:

अच्छा – गुणवाचक विशेषण

मधुर – गुणवाचक विशेषण

बारह – संख्यावाचक विशेषण

अच्छी – गुणवाचक विशेषण

बढ़िया – गुणवाचक विशेषण

कई – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

4. द्वित्व क्रिया (एक ही क्रिया पद का दो बार आना) पर आधारित प्रश्न:
उदाहरण: खा-खाकर = राम खा-खाकर मोटा हो गया है।

देख-देखकर – वह देख-देखकर खुश हो रहा था।
चल-चलकर – वह चल-चलकर थक गया।
हँस-हँसकर – बच्चे हँस-हँसकर लोटपोट हो गए।
पढ़-पढ़कर – उसने पढ़-पढ़कर परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली।
गिर-गिरकर – बच्चा गिर-गिरकर भी चलना नहीं छोड़ा।
सोच-सोचकर – वह बात सोच-सोचकर परेशान हो गया।
गाकर-गाकर – वह गाकर-गाकर सबको आनंद दे रहा था।
ढूँढ़-ढूँढ़कर – उसने किताब ढूँढ़-ढूँढ़कर निकाल ली।
बोल-बोलकर – तोता बोल-बोलकर सबका ध्यान खींच रहा था।
लिख-लिखकर – विद्यार्थी ने लिख-लिखकर उत्तर याद किए।


5. पास के वृत्त में दिए गए विशेषण शब्दों से खाली स्थानों को भरो:
पांडव पाँच भाई थे। एक दिन बहुत गर्मी थी। वन में पांडवों को जोर की प्यास लगी। आस-पास जल का अभाव था। घने वृक्षों के कारण दूर तक देखना मुश्किल था। तब नकुल ने एक ऊँचे पेड़ पर चढ़कर देखा कि थोड़ी दूर पर जल से भरा एक बड़ा तालाब है। उसे दूर से उड़कर आता एक छोटा पक्षी दिखाई दिया।
(विशेषण शब्द: पाँच, बहुत, घने, ऊँचे, थोड़ी, बड़ा, छोटा)

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