उससे न कहना
ये प्रश्न और उत्तर पाठ “उससे न कहना” (एकांकी) से लिए गए हैं।
अभ्यास-माला (Practice Set)
पाठ से (From the Lesson)
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो:
(क) प्रस्तुत एकांकी में कुल कितने पात्र हैं? सभी पात्रों के नाम लिखो।
उत्तर: प्रस्तुत एकांकी में कुल तीन पात्र हैं।
पात्रों के नाम हैं: बलवीर, लाजवंती और रुक्मिणी।
(ख) बलवीर और लाजवंती में किस बात पर बहस हो रही थी?
उत्तर: बलवीर फौज में भरती होना चाहता था, लेकिन उसकी माँ लाजवंती उसे जाने से रोक रही थी। इसी बात पर उन दोनों में बहस हो रही थी।
(ग) लाजवंती बलवीर को फौज में भरती होने से क्यों रोक रही थी?
उत्तर: लाजवंती बलवीर को फौज में जाने से इसलिए रोक रही थी क्योंकि उसके पति (बलवीर के बापू) और बड़ा बेटा शमशेर पहले ही फौज में काम करते हुए शहीद हो चुके थे। वह अपने छोटे बेटे बलवीर को भी खोना नहीं चाहती थी।
(घ) बलवीर के पिता की मृत्यु कैसे हुई थी?
उत्तर: बलवीर के पिता (लाजवंती के पति) फिरंगी की लड़ाई लड़ते हुए मरे थे। उन्हें सात गोलियाँ छाती में लगी थीं।
(ङ) बलवीर किसलिए फौज में भरती होना चाहता था?
उत्तर: बलवीर इसलिए फौज में भरती होना चाहता था क्योंकि देश की पवित्र धरती को दुश्मन रौंद रहे थे और देश की आज़ादी खतरे में थी। वह अपने देश की रक्षा के लिए अपना कर्तव्य निभाना चाहता था।
(च) हिन्दुस्तान पर किसने हमला बोल दिया था?
उत्तर: हिन्दुस्तान पर उस समय चीनियों ने हमला बोल दिया था।
(छ) बलवीर को फौज में भरती होने से रोकने के लिए लाजवंती ने क्या सोच रखा था?
उत्तर: बलवीर को फौज में भरती होने से रोकने के लिए लाजवंती ने अगले महीने उसका ब्याह (शादी) कर देने का इंतज़ाम सोच रखा था।
(ज) रुक्मिणी ने बलवीर को क्या खबर दी थी?
उत्तर: रुक्मिणी ने बलवीर को खबर दी थी कि उसका बड़ा भाई शम्मी लड़ाई में शहीद हो गया है।
(झ) बलवीर ने रुक्मिणी को बड़े भाई के शहीद हो जाने की बात माँ लाजवंती से कहने से मना क्यों किया था?
उत्तर: बलवीर ने रुक्मिणी को यह बात माँ लाजवंती से कहने से मना किया क्योंकि उसे लगा कि माँ यह चोट न सह सकेगी।
(ञ) लाजवंती कुएँ पर पानी भरने जाकर क्या कर आई थी?
उत्तर: लाजवंती कुएँ पर पानी भरने जाने की जगह, नंबरदार के यहाँ जाकर बलवीर का नाम फौज में लिखवा आई थी।
(ट) बलवीर ने फौज में भरती होने का इरादा क्यों बदल दिया?
उत्तर: जब बलवीर ने देखा कि माँ (लाजवंती) को भाई के शहीद होने का सदमा लगा है, तो उसने माँ को अकेला न छोड़ने के कारण फौज में भरती होने का इरादा बदल दिया था।
(ठ) लाजवंती को उसके बड़े बेटे के शहीद होने के समाचार कैसे प्राप्त हुए?
उत्तर: लाजवंती को उसके बड़े बेटे के शहीद होने के समाचार तार (telegram) के माध्यम से प्राप्त हुए थे। वह तारवाला उसे रास्ते में मिला था, जब वह पानी भरने जा रही थी।
2. प्रस्तुत एकांकी का शीर्षक ‘उससे न कहना’ सार्थक है या नहीं? मंडली में बैठकर चर्चा करो। अगर शीर्षक सार्थक है तो क्यों सार्थक है, बताओ और अगर सार्थक नहीं है तो इसके लिए कोई उपयुक्त शीर्षक सुझाओ।
उत्तर (मार्गदर्शन):
शीर्षक ‘उससे न कहना’ अत्यंत सार्थक है।
* सार्थकता का कारण: एकांकी का पूरा नाटकीय तनाव और मार्मिक क्षण इसी वाक्य पर केंद्रित है। शुरुआत में रुक्मिणी और बलवीर दोनों ही चाहते हैं कि शम्मी (बड़े बेटे) की शहादत की खबर माँ लाजवंती से न कही जाए, क्योंकि उन्हें डर है कि वह यह सदमा सह नहीं पाएगी। लेकिन, क्लाइमेक्स में, जब माँ (लाजवंती) खुद तार पढ़ चुकी होती है और अपने दूसरे बेटे को भी देश पर कुर्बान करने के लिए भेज चुकी होती है, तब वह स्वयं बलवीर को उसकी शहादत की खबर उससे न कहने के लिए कहती है, ताकि वह टूट न जाए। यह वाक्य माँ के महान त्याग, धैर्य, और देशप्रेम को दर्शाता है।
* सुझाए गए अन्य शीर्षक (वैकल्पिक):
* माँ की शहादत
* मेरा लाल
* देश से मामा बड़ा नहीं
3. बलवीर और लाजवंती की चारित्रिक विशेषताओं पर चर्चा करो और उनके बारे में लिखकर कक्षा में सुनाओ। दोनों में से किस चरित्र ने तुम्हें ज्यादा प्रभावित किया और क्यों? सतर्क बताओ।
उत्तर:
लाजवंती (माँ) – महान त्यागी और देशभक्त: उसने पति और एक बेटा खोया, फिर भी दूसरे को खुद फौज में भेज दिया।
धैर्यवान और दृढ़निश्चयी: बड़े बेटे की शहादत का तार पाकर भी नहीं टूटी।
दूरदर्शी: वह जानती थी कि देश के लिए बलिदान ज़रूरी है।
स्नेहशील: वह शम्मी के लिए चिंतित थी और बलवीर की चोट छिपाने को कहती है।
बलवीर (बेटा) – जोशीला और देशभक्त: वह देश पर खतरा देखकर घर नहीं बैठना चाहता।
वीरतापूर्ण भावना: अपने पिता और भाई जैसा सूरमा बनना चाहता है।
संवेदनशील: वह माँ को अकेली नहीं छोड़ना चाहता और उसे बचाने की कोशिश करता है।
आज्ञाकारी: माँ के मना करने पर वह रुक जाता है।
अधिक प्रभावित करने वाला चरित्र –
माँ लाजवंती का चरित्र सबसे अधिक प्रभावित करता है। युद्ध में एक-एक कर परिवार के दो पुरुषों को खोने के बाद भी उनका देशप्रेम कम नहीं होता। जब उन्हें बड़े बेटे की शहादत का पता चलता है, तो वह इस सदमे को भीतर दबाकर, उसी क्षण दूसरे बेटे को देश सेवा के लिए भेज देती हैं। यह निःस्वार्थ त्याग, दृढ़ निश्चय और मातृभूमि के प्रति गहरा प्रेम उन्हें एक साधारण माँ से ऊपर उठाकर महान बलिदानी बना देता है।
भाषा-अध्ययन (Language Study)
1. क्रिया का रूप वचन और लिंग के कारण परिवर्तन
क्रिया का रूप कर्ता (या कर्म, ‘ने’ के साथ) के वचन और लिंग के अनुसार बदलता है।
(क) लड़का खाना खाता है। (पुल्लिंग, एकवचन)
(ख) लड़के खाना खाते हैं। (पुल्लिंग, बहुवचन)
(ग) लड़की खाना खाती है। (स्त्रीलिंग, एकवचन)
(घ) लड़कियाँ खाना खाती हैं। (स्त्रीलिंग, बहुवचन)
अतिरिक्त अभ्यास (निर्देशानुसार):
(यह अभ्यास स्वयं हल करें, जैसे ‘दौड़ना’ क्रिया के लिए):
* पुल्लिंग, एकवचन: लड़का दौड़ता है।
* पुल्लिंग, बहुवचन: लड़के दौड़ते हैं।
* स्त्रीलिंग, एकवचन: लड़की दौड़ती है।
* स्त्रीलिंग, बहुवचन: लड़कियाँ दौड़ती हैं।
2. संज्ञा-पदों के वचन बदलकर वाक्य फिर से लिखो:
(क) लड़का चिंता में खोया हुआ था।
उत्तर: लड़के चिंता में खोए हुए थे।
(ख) बच्चे नारे लगाते हैं।
उत्तर: बच्चा नारा लगाता है।
(ग) यह इलाका वीरान पहाड़ियाँ है।
उत्तर: ये इलाके वीरान पहाड़ी हैं।
(घ) आज अखबार में एक अजीब खबर छपी है।
उत्तर: आज अखबार में कुछ अजीब खबरें छपी हैं।
(ङ) मेरे देश के बहादुर सिपाही जा रहे हैं।
उत्तर: मेरे देश का बहादुर सिपाही जा रहा है।
3. कारक की जानकारी (कर्म कारक ‘को’ और संप्रदान कारक ‘को’)
* कर्म कारक (‘को’): जब ‘को’ का प्रयोग क्रिया के सीधे कर्म पर होता है। (जैसे: बाघ ने हिरन को मारा)
* संप्रदान कारक (‘को’): जब ‘को’ का प्रयोग देने या लाभ पहुँचाने के भाव में होता है। (जैसे: बाबू ने भिखारी को एक रुपया दिया)
संबंध कारक (‘का’, ‘के’, ‘की’, ‘रा’, ‘रे’, ‘री’)
* का/के/की: संज्ञा के साथ संबंध बताने के लिए। (जैसे: मोहन का भाई, ममता की माँ, अब्दुल के दोस्त)
* रा/रे/री: सर्वनाम के साथ संबंध बताने के लिए। (जैसे: यह मेरा घर, तुमहारी बहन, हमारे दोस्त)
4. नीचे दिए गए विभक्ति-चिह्नों से वाक्यों को पूरा करो:
का – घर का काम थोड़ा है।
को – मैंने बड़े बेटे को फौज में भेजा।
की – हमारे देश की पवित्र धरती को बैरी रौंदता चला जा रहा है।
के – मेरे देश के सूरमा जा रहे हैं।
का – मैंने तुम्हारे लिए सरसों का साग बनाया है।
के – वह अपने देश के काम आने के लिए जान पर खेल गया।
की – इनमें अनेक बहनों के भाई हैं।
योग्यता-विस्तार (Enrichment Activities)
3. “देश की सुरक्षा की लड़ाई में भारतीय महिलाओं का सराहनीय योगदान रहा है।” इस कथन की सार्थकता पर प्रस्तुत एकांकी के आलोक में चर्चा करो।
उत्तर:
प्रस्तुत एकांकी “उससे न कहना” इस कथन की सार्थकता को दृढ़ता से स्थापित करता है।
* सर्वोच्च बलिदान (लाजवंती): लाजवंती एक ऐसी माँ है जिसने अपने पति और बड़े बेटे (शमशेर) को देश की रक्षा में खो दिया है। वह इस शहादत का दर्द भीतर छिपाकर, अपने छोटे बेटे बलवीर को भी स्वयं ही फौज में भरती करवाती है। वह जानती है कि “एक बेटे से यह जंग नहीं जीती जाएगी”। उसका यह त्याग बताता है कि देश की लड़ाई में महिलाओं का बलिदान देने का साहस पुरुषों से कम नहीं है।
* आर्थिक योगदान: लाजवंती अपने कंगन (जो उसके बाप की निशानी थे) भी राष्ट्रीय फंड में दान दे देती है। यह दर्शाता है कि महिलाएं न केवल सैनिक के रूप में, बल्कि देश की आर्थिक और नैतिक मजबूती में भी योगदान देती हैं।
* नैतिक समर्थन: वह अपने बेटे को कायरता दिखाने पर डाँटती है और उसे देश के लिए लड़ने को प्रोत्साहित करती है।
इस प्रकार, लाजवंती का चरित्र भारतीय महिलाओं के उस अदृश्य और महान त्याग का प्रतीक है, जो देश की सुरक्षा में सबसे बड़ा नैतिक बल और बलिदान प्रदान करता है।
आओ, पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ जानें:
Ans.चौका – चूल्हा
दबदबा – वश, जोर
ढोर-डाँगर – पालतू पशु
हैरत – आश्चर्य
जुल्म – अत्याचार
खदेड़ – मार भगाना, हटाना
साईं – पति
पूँजी – धन, दौलत
सूरमा – वीर, बहादुर
कंगन – हाथों का गहना
अमानत – धरोहर
घड़ा – मिट्टी का बर्तन
हु-ब-हू – पूरी तरह समान
ताऊ – पिता के बड़े भाई
आतंकवाद – जुल्म, भय
चोट – आघात
काबू – वश, नियंत्रण
हौसला – हिम्मत, साहस
दबदबा – वश, जोर
मुराद – इच्छा, मनोकामना
चौकस – सावधान
लाम – सेना
कुर्बान – बलिदान
कमर कसना – तैयार रहना
आतंक – भय
गँवा दे – खोना
धावा – हमला
फूट पड़ना – जोर-जोर से रोना
भरती – सैनिक में प्रवेश
वीरानों – खाली जगह
छावनी – सेना का डेरा
रौंदना – कुचलना
