जीना-जिलाना मत भूलना
जीना-जिलाना मत भूलना
अभ्यास-माला
पाठ से (Questions from the Chapter)
2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो (Answer in a complete sentence):
(क) तरह-तरह के पक्षी हमसे क्या कहते हैं?
उत्तर: तरह-तरह के पक्षी हमसे मीठे गाना मत भूलना कहते हैं।
(ख) रंग-बिरंगे फूल हमें क्या बताते हैं?
उत्तर: रंग-बिरंगे फूल हमें प्यार बाँटना मत भूलना बताते हैं।
(ग) हमारे लिए भौंरों का संदेश क्या है?
उत्तर: हमारे लिए भौंरों का संदेश है कि वे सबको गले लगाना मत भूलना कहते हैं।
(घ) बढ़ती हुई नदियाँ हमें कौन-सा उपदेश देती हैं?
उत्तर: बढ़ती हुई नदियाँ हमें बढ़ते रहना मत भूलना का उपदेश देती हैं, जिसका अर्थ है जीवन में निरंतर आगे बढ़ते रहना।
(ङ) ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ नामक कविता के कवि कौन हैं?
उत्तर: ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ नामक कविता के कवि डॉ. अच्युत शर्मा हैं।
3. सोचो और संक्षेप में उत्तर दो (Think and answer briefly):
(क) सवेरे पूर्व दिशा में उदित होकर सूर्य हमें क्या करने के लिए कहता है?
उत्तर: सवेरे उगकर सूरज कहता है कि रोशनी फैलाना मत भूलना। इसका आशय है कि हमें ज्ञान और आशा की रोशनी फैलानी चाहिए।
(ख) रात को आकाश में चमक-चमक कर चाँद हमें किस कर्तव्य की याद दिलाता है?
उत्तर: रात को चमक-चमक कर चाँद हमें चाँदनी बिखेरना मत भूलना की याद दिलाता है। इसका तात्पर्य है कि हमें सेवा और परोपकार की चाँदनी बिखेरनी चाहिए।
(ग) हरे-भरे पेड़-पौधे हमें क्या संदेश देते हैं?
उत्तर: हरियाली फैलाकर पेड़ कहते हैं कि छाँव देना मत भूलना। यह हमें दूसरों को आराम की छाया प्रदान करने का संदेश देता है।
(घ) बहती हुई हवाएँ हमें क्या करने को कहती हैं?
उत्तर: बहती-बहती हवाएँ हमें जिंदगी देना मत भूलना कहती हैं। इसका अर्थ है कि हमें दूसरों को जीवन देने या जीने में मदद पहुँचाने की बात करनी चाहिए।
4. निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ लिखो (Write the simple meaning of the following lines):
कहती प्रकृति, आए विपत्ति
हँसना-हँसाना मत भूलना,
चलें गोलियाँ, फटें गोले
जीना-जिलाना मत भूलना।
उत्तर: इन पंक्तियों का सरल अर्थ है कि प्रकृति हमसे कहती है कि भले ही जीवन में कोई भी आपदा, बाधा या परेशानी (विपत्ति) आ जाए, हमें स्वयं हँसना और दूसरों को हँसाना नहीं भूलना चाहिए।
यहाँ तक कि जब मनुष्य द्वारा सर्जित आपदाएँ (जैसे युद्ध) हों और गोलियाँ चलें या गोले फटें, तब भी हमें स्वयं भी जीना और दूसरों को जीने में मदद पहुँचाना (जिलाना) नहीं भूलना चाहिए।
5. ‘जीना-जिलाना मत भूलना’ कविता का मूल भाव स्पष्ट करो।
उत्तर: मूल भाव (Central Idea):
‘जीना-जिलाना मत भूलना’ कविता का मूल भाव यह है कि प्रकृति के विभिन्न उपकरण हमें निरंतर कर्मशील रहने और मानवता के कर्तव्य निभाने की प्रेरणा देते हैं।
कवि ने सूर्य, चाँद, नदी, हवा, पेड़, पक्षी, फूल और भौंरों को उदाहरण बनाकर बताया है कि वे किस तरह निस्वार्थ भाव से अपना कर्तव्य निभाते हैं।
कवि का मुख्य संदेश है कि जीवन में कैसी भी विपत्ति या संकट आएँ, चाहे वे प्राकृतिक हों या मनुष्य द्वारा सर्जित, हमें हँसना-हँसाना और सबसे महत्वपूर्ण, स्वयं भी जीकर और दूसरों को जीने में मदद पहुँचाकर (जिलाकर) अपने मानवीय धर्म का पालन करना नहीं भूलना चाहिए।
भाषा-अध्ययन (Language Study)
1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखो:
सवेरा – प्रभात, सुबह
सूरज – रवि, सूर्य
चाँद – शशि, चंद्र
पेड़ – वृक्ष, तरु
पक्षी – खग, विहग
फूल – पुष्प, सुमन
भौंरा – भ्रमर, मधुकर
नदी – सरिता, तटिनी
हवा – पवन, वायु
2. वाक्य में प्रयोग करो:
चमक-चमक कर: रात को आकाश में चमक-चमक कर चाँदनी बिखेरना मत भूलना।
चहक-चहक कर: पेड़ पर बैठकर पक्षी चहक-चहक कर मीठे गाने गा रहे थे।
खिल-खिल कर: बगीचे में फूल खिल-खिल कर अपनी सुंदरता बिखेर रहे हैं।
हिल-मिल कर: हमें हमेशा दूसरों से हिल-मिल कर रहना और गले लगाना चाहिए।
3. प्रेरणार्थक क्रिया (Causative Verb):
देखना → दिखाना : शिक्षक ने छात्रों को ताजमहल का चित्र दिखाया।
सीखना → सिखाना : माँ ने अपनी बेटी को खाना सिखाया।
लिखना → लिखाना : मैंने छोटे भाई से एक पत्र लिखवाया।
भागना → भगाना : किसान ने डंडा दिखाकर पक्षियों को खेत से भगाया।
नाचना → नचाना : सर्कस में रिंगमास्टर शेर को छड़ी से नचाता है।
4. अनुज्ञा रूप (Imperative Form):
आना:
तू आ।
तुम आओ।
आप आइए।
गाना:
तू गा।
तुम गाओ।
आप गाइए।
पढ़ना:
तू पढ़।
तुम पढ़ो।
आप पढ़िए।
लिखना:
तू लिख।
तुम लिखो।
आप लिखिए।
बैठना:
तू बैठ।
तुम बैठो।
आप बैठिए।
वाक्यों में प्रयोग:
तुम कल मेरे घर आओ।
सर, आप कृपया यहाँ आइए।
तुम एक मधुर गीत गाओ।
आप यह भजन गाइए।
तुम अपनी किताब पढ़ो।
बच्चों, आप ध्यान से पढ़िए।
तुम इस प्रश्न का उत्तर लिखो।
सर, आप इस विषय पर कुछ लिखिए।
यहाँ कुर्सी पर बैठो।
आप आराम से बैठिए।
5. वर्तमान काल के भेद (Types of Present Tense):
सामान्य वर्तमान काल (Simple Present Tense):
वह रोज़ स्कूल जाता है।
सूरज पूरब से निकलता है।
हम हिंदी बोलते हैं।
तात्कालिक वर्तमान काल (Present Continuous Tense):
लड़की गाना गा रही है।
बच्चे मैदान में खेल रहे हैं।
मोहन अभी पत्र लिख रहा है।
संदिग्ध वर्तमान काल (Present Doubtful Tense):
माँ घर पर खाना बनाती होगी।
वे लोग दिल्ली जाते होंगे।
रमेश कमरे में पढ़ता होगा।
