चार मित्र, Chapter -2
अभ्यास-माला (चार मित्र)
पाठ से (Page 17)
1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:
(क) चारों मित्र कहाँ रहते थे?
उत्तर: चारों मित्र एक घने जंगल में झील के किनारे रहते थे।
(ख) कौवा किसकी खोज में उड़ चला?
उत्तर: कौवा अपने मित्र हिरन की खोज में उड़ चला।
(ग) जाल में फँसे हिरन को छुड़ाने का उपाय किसने किस रूप में निकाला?
उत्तर: जाल में फँसे हिरन को छुड़ाने का उपाय कछुवे ने निकाला। यह उपाय था कि चूहा अपने पैने दाँतों से जाल काटकर हिरन को आज़ाद कर सकता है।
(घ) कछुवे को किसने पकड़ा और उसे आज़ाद किसने किया?
उत्तर: कछुवे को बहेलिये ने पकड़ा और उसे चूहे ने थैला काटकर आज़ाद किया।
(ङ) बहेलिये ने अपनी किस्मत को खराब क्यों कहा?
उत्तर: बहेलिये ने अपनी किस्मत को खराब इसलिए कहा क्योंकि पहले उसका फँसाया हुआ हिरन जाल से भाग गया, और जब उसने कछुवे को थैले में बंद किया, वह भी गायब हो गया, जिससे वह चकित और खाली हाथ रह गया।
2. आओ, चित्रों को आवाजों के साथ मिलाएँ:
बकरी – मिमियाना
हाथी – चिंघाड़ना
गधा – रेंकना
कुत्ता – भौंकना
3. किसने किससे कहा:
(क) “बचाओ, मुझे बचाओ।”
उत्तर: यह बात हिरन ने कौवे से कही।
(ख) “चिंता की कोई बात नहीं।”
उत्तर: यह बात कछुवे ने अपने मित्र कौवे और चूहे से कही।
(ग) “यहाँ तो कछुवेराम दिखाई दे रहे हैं।”
उत्तर: यह बात बहेलिये ने स्वयं से कही।
(घ) “बहेलिए के घर पहुँचने से पहले ही कर डालना चाहिए।”
उत्तर: यह बात चूहे ने कौवे और हिरन से कही।
—
पाठ के आस-पास (Page 17)
1. तुम्हारा प्रिय मित्र कौन है? उसके बारे में पाँच वाक्य लिखो:
उत्तर (उदाहरण): मेरा प्रिय मित्र आकाश है।
आकाश बहुत ईमानदार और सच्चा है।
वह पढ़ाई में मेरी मदद करता है और हमेशा मिल-जुलकर काम करता है।
वह दूसरों की परवाह करता है और मुसीबत में हमेशा मेरे साथ खड़ा रहता है।
वह बहुत हँसमुख है और मुझे हँसाता रहता है।
मैं और आकाश कभी झगड़ा नहीं करते और एक-दूसरे के सुख-दुख में भागीदार बनते हैं।
2. सच्ची मित्रता की पाँच विशेषताएँ:
आपसी सहयोग और सहायता: सच्चा मित्र हमेशा मुसीबत में मदद करता है।
विश्वास और ईमानदारी: मित्रता में एक-दूसरे पर भरोसा होना चाहिए।
समानता और त्याग: सच्चा मित्र अपने स्वार्थ से पहले मित्र के हित को देखता है।
निःस्वार्थ प्रेम और स्नेह: मित्रता किसी लाभ की अपेक्षा नहीं रखती।
सही राह दिखाना: सच्चा मित्र दोस्त को अच्छे कामों के लिए प्रेरित करता है।
—
भाषा-अध्ययन (Page 18)
2. पशु और पक्षियों के नाम अलग-अलग लिखें:
पशु: चूहा, हाथी, बाघ, कछुवा, घोड़ा, हिरन, गाय
पक्षी: कौवा, हंस, तोता, मुर्गा, कबूतर, कोयल, बगुला
1. ‘में’ और ‘मैं’ का प्रयोग:
(क) एक वर्ष में बारह महीने होते हैं।
(ख) गाँव में मेला लगा था।
(ग) मैं अपने घर में हमेशा सफाई रखता हूँ।
2. ‘र’ के प्रयोग:
रेफ (र)
दर्पण: द + अ + र + प + अ + ण + अ
पर्ण: प + अ + र + ण + अ
रकार (्र)
ग्रह: ग + ्र + अ + ह + अ
क्रम: क + ्र + अ + म + अ
मद्रास: म + अ + द + ्र + आ + स + अ
ड्रम: ड + ्र + अ + म + अ
3. अनुनासिक स्वर और अनुस्वार में अंतर:
अनुनासिक स्वर: जब स्वर का उच्चारण मुख और नाक दोनों से होता है, इसे अनुनासिक स्वर कहते हैं। चंद्रबिंदु (ँ) का प्रयोग होता है। उदाहरण: गँवार, आँख।
अनुस्वार: यह नाक से उच्चारित वर्ण (ङ, ञ, ण, न, म) के स्थान पर बिंदु (ं) के रूप में आता है। उदाहरण: गंगा, चंचल।
