आप भले तो जग भला, Chapter -5, Class -9, Hindi Elective, SEBA, NCERT, CBSE

आप भले तो जग भला, Chapter -5

आप भले तो जग भला, Chapter -5

अभ्यासमाला
(अ) सही विकल्प का चयन करो

एक काँच के महल में कितने कुत्ते घुसे थे ?
उत्तर: (क) एक

काँच का महल किसका प्रतीक है?
उत्तर: (क) संसार

“निंदक बाबा वीर हमारा, बिनही कौड़ी बहै विचारा। आपन डूबे और को तारे, ऐसा प्रीतम पार उतारे।” प्रस्तुत पंक्तियों के रचयिता कौन हैं ?
उत्तर: (घ) दादू

आदमी भूखा रहता है-
उत्तर: (ग) प्रेम का

गांधीजी ने अहिंसा की तुलना सीमेंट से क्यों की है ?
उत्तर: (ग) अहिंसा सीमेंट की तरह एक-दूसरे को जोड़ कर रखती है।

(आ) संक्षिप्त उत्तर दो (लगभग २५ शब्दों में):
1.दो कुत्तों की घटना का वर्णन करके लेखक क्या सीख देना चाहते हैं ?

उत्तर: दो कुत्तों की घटना का वर्णन करके लेखक यह सीख देना चाहते हैं कि दुनिया काँच के महल जैसी है, जिस पर हमारे स्वभाव की छाया पड़ती है। यदि हम प्रसन्नचित्त हैं तो संसार भी हमसे नम्रता और प्रेम का बरताव करेगा।

2.लेखक ने संसार की तुलना काँच के महल से क्यों की है ?

उत्तर: लेखक ने संसार की तुलना काँच के महल से इसलिए की है क्योंकि काँच के महल में हर ओर अपनी ही छाया दिखाई देती है, वैसे ही संसार में भी मनुष्य के अपने स्वभाव की छाया पड़ती है।

3.अब्राहम लिंकन की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य क्या था ?

उत्तर: अब्राहम लिंकन की सफलता का सबसे बड़ा रहस्य यह था कि वे दूसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी कर उनका दिल नहीं दुखाते थे।

4.लेखक ने गांधी और सरदार पृथ्वीसिंह के उदाहरण क्या स्पष्ट करने के लिए दिए हैं ?

उत्तर: लेखक ने गांधी और सरदार पृथ्वीसिंह के उदाहरण प्रेम और सहानुभूति के व्यवहार की महत्ता स्पष्ट करने के लिए दिए हैं। गांधीजी ने अहिंसा को सीमेंट बताकर सबको एक साथ रखने का काम किया था।

5.रसोइया ने बिना खबर दिए लेखक के मित्र की नौकरी क्यों छोड़ दी ?

उत्तर: रसोइया ने बिना खबर दिए नौकरी इसलिए छोड़ दी क्योंकि उसे सुबह से शाम तक लेखक के मित्र की डाँट खानी पड़ती थी। अच्छा भोजन बनने पर भी उसकी तारीफ के दो शब्द न बोले जाते थे।

6.”अच्छा हो, सुकरात के इस विचार को मेरे मित्र अपने कमरे में लिखकर टाँग लें।”- लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ?

उत्तर: लेखक ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि उनके मित्र खुद को आदर्श मानते थे। सुकरात का विचार, “जो मूर्ख है और नहीं जानता कि वह मूर्ख है, वह सबसे बड़ा मूर्ख है,” उनके मित्र को आत्म-ज्ञान की ओर प्रेरित कर सकता था।

(इ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो (लगभग ५० शब्दों में):
1.अपने मित्र को परेशान देखकर लेखक को किस किस्से का स्मरण हो आता है ?

उत्तर: अपने मित्र को हमेशा परेशान, नाराज और चिड़चिड़ाते देखकर लेखक को काँच के महल में भटके हुए दो कुत्तों का किस्सा याद आता है। पहले कुत्ते ने भौंककर शत्रुता पाई, तो दूसरे ने दुम हिलाकर प्रसन्नता दिखाई। लेखक यह समझाना चाहते हैं कि दुनिया वैसी ही प्रतिक्रिया देती है, जैसा हम व्यवहार करते हैं।

2.दुखड़ा रोते रहने वाले व्यक्ति का दुनिया से दूर किसी जंगल में चले जाना क्यों बेहतर है ?

उत्तर: दुखड़ा रोते रहने वाले व्यक्ति का दुनिया से दूर किसी जंगल में चले जाना इसलिए बेहतर है क्योंकि अगर आप हँसेंगे तो दुनिया भी आपका साथ देगी। लेकिन अगर आप हमेशा लोगों के दोषों को देखेंगे और उन पर भौंकेंगे, तो वे भी गुस्से से ही दौड़ेंगे। इसलिए, गुस्सा होने और रोने वाले के लिए दुनिया से दूर चले जाना ही हितकर होगा।

3.’प्रेम और सहानुभूति से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है।’ यह स्पष्ट करने के लिए लेखक ने क्या-क्या उदाहरण दिए हैं ?

उत्तर: यह स्पष्ट करने के लिए लेखक ने उदाहरण दिए हैं:
गांधीजी और सरदार पृथ्वीसिंह: बापू ने अपने प्रेम और सहानुभूति से सरदार पृथ्वीसिंह को अहिंसा का पाठ सिखाया और उन्हें अपनी ओर खींचा।
इमर्सन की नौकरानी और बछड़ा: जो बछड़ा इमर्सन और उनके बेटे के खींचने से कुटी में नहीं गया, वह अनपढ़ नौकरानी द्वारा प्यार से अँगूठा मुँह में डालने पर चुपचाप अंदर चला गया। यह दर्शाता है कि जानवर भी प्रेम की भाषा समझते हैं।


4.लेखक ने अपने मित्र की किन गलतियों का वर्णन किया है ?

उत्तर: लेखक के मित्र की गलतियाँ:
वे दूसरों का दृष्टिकोण समझने की कोशिश नहीं करते और उनकी आलोचना को अपना परम धर्म समझते हैं।
वे सोचते हैं कि ईश्वर ने उन्हें लोगों को सुधारने के लिए भेजा है, पर वे प्रेम की ताकत को भूल जाते हैं।
वे दूसरों की आँखों का तिनका देखते हैं, पर अपनी आँख के शहतीर को नहीं देखते।
वे अपनी बुराई सुनकर आगबबूला हो जाते हैं, भले ही खुद दूसरों की दिन भर बुराई करते रहें।
वे अपने नौकर को लगातार डाँटते हैं और अच्छे काम की तारीफ कभी नहीं करते।
इस पाठ के आधार पर बताओ कि ‘हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।’ उत्तर: पाठ के आधार पर हमें:
करना चाहिए: दूसरों की अच्छाइयों को देखना, अपने अवगुणों पर ध्यान देना, हर परिस्थिति में खुश रहना। अपने निंदक का एहसानमंद होना और प्रेम तथा नम्रतापूर्ण व्यवहार करना।
नहीं करना चाहिए: दूसरों के दोषों को देखना, अनावश्यक नुक्ताचीनी करना। हमेशा लोगों के ऐबों की ओर देखना और उन्हें शत्रु समझना। अपने आदर्शों पर स्वयं अमल किए बिना दूसरों को सीख देना।


(ई) आशय स्पष्ट करो (लगभग १०० शब्दों में):
1.शहद की एक बूँद ज्यादा मक्खियों को आकर्षित करती है, बजाए एक सेर जहर के।

Ans. आशय: इस कथन का आशय है कि प्रेम, मीठा व्यवहार और प्रशंसा शहद आलोचना, कड़वाहट और गुस्से (जहर) की तुलना में कहीं अधिक प्रभावशाली होती है। लेखक के मित्र दूसरों की लगातार आलोचना करके उन्हें सुधारना चाहते थे, पर लोग उनसे दूर भागते थे। यह दृष्टांत बताता है कि यदि आप लोगों को अपनी ओर खींचना या उन्हें सुधारना चाहते हैं, तो नुक्ताचीनी के बजाय मुहब्बत से पेश आना और प्रेम की बूँद का इस्तेमाल करना ही सफल होता है।

2.लोग दूसरों की आँखों का तिनका तो देखते हैं, पर अपनी आँख के शहतीर को नहीं देखते।
Ans.आशय: यह ईसा मसीह का कथन है, जिसका अर्थ है कि मनुष्य में दूसरों के छोटे-छोटे दोष देखने की प्रवृत्ति होती है, जबकि वह अपने बड़े-बड़े दोषों को अनदेखा कर देता है। लोगों को सुधारने के लिए सीख देना तो आसान है, लेकिन अपने ही अवगुणों को देखकर स्वयं को सुधारने का प्रयत्न करना कठिन है। यह कथन आत्म-निरीक्षण की कमी और दूसरों पर टीका-टिप्पणी करने की प्रवृत्ति पर व्यंग्य करता है।


3.जो मनुष्य मूर्ख है और जानता है कि वह मूर्ख है, वह ज्ञानी है, पर जो मूर्ख है और नहीं जानता कि वह मूर्ख है, वह सबसे बड़ा मूर्ख है।

Ans.आशय: यह महान संत सुकरात का विचार है। इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति ज्ञानी है जो अपनी कमियों को स्वीकार करता है, क्योंकि यह स्वीकारोक्ति ही उसे सुधार की ओर ले जाती है। लेकिन जो मूर्ख होते हुए भी संतुष्ट है और अपने अज्ञान को नहीं जानता, वह सुधार की किसी भी संभावना से रहित होने के कारण सबसे बड़ा मूर्ख है। लेखक ने इस विचार को अपने मित्र के लिए उपयोगी बताया, जो खुद को आदर्श मानकर दूसरों का सम्मान न करने वालों को मूर्ख समझते थे।


निम्नलिखित वाक्यों को निर्देशानुसार परिवर्तित करो :
1.जब मैं अपने एक मित्र को हमेशा परेशान, नाराज और चिड़चिड़ाते देखता हूँ तब इसी किस्से का स्मरण हो आता है। (वचन बदलो)

उत्तर: जब हम अपने मित्रों को हमेशा परेशान, नाराज और चिड़चिड़ाते देखते हैं तब इन्हीं किस्सों का स्मरण हो आता है।

2.दुखी होने का कोई कारण नहीं। (प्रश्नवाचक बनाओ)
उत्तर: दुखी होने का क्या कोई कारण है?

3.रंग-बिरंगे फूल खिले हैं। (विस्मयादिबोधक बनाओ)
उत्तर: वाह! रंग-बिरंगे फूल खिले हैं!

4.वह अनपढ़ नौकरानी किताबें और कविताएँ लिखना नहीं जानती थी, पर व्यवहार-कुशल अवश्य थी। (लिंग बदलो)
उत्तर: वह अनपढ़ नौकर किताबें और कविताएँ लिखना नहीं जानता था, पर व्यवहार-कुशल अवश्य था।

5.है तो वह भी आदमी ही। (सामान्य वाक्य बनाओ)
उत्तर: वह भी आदमी ही है।

Q.निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो :
आग बबूला होना अर्थ: बहुत गुस्सा करना, गुस्से से लाल होना वाक्य में प्रयोग: मेरी बुराई या आलोचना सुनकर मित्र आग बबूला हो जाते हैं।

नुक्ताचीनी करना अर्थ: दोष निकालना, आलोचना करना वाक्य में प्रयोग: हमें दूसरों की अनावश्यक नुक्ताचीनी नहीं करनी चाहिए।

टूट पड़ना अर्थ: आक्रमण करना, हमला करना वाक्य में प्रयोग: कुत्ते ने समझा कि वे सब उस पर टूट पड़ेंगे और उसे मार डालेंगे।

चुटकियाँ लेना अर्थ: हँसी-हँसी में व्यंग्य करना वाक्य में प्रयोग: बापू कड़ी आलोचना भी हँसकर मीठी चुटकियाँ लेकर करते थे।

कोई चारा न होना अर्थ: कोई और उपाय या रास्ता न होना वाक्य में प्रयोग: तंग आकर भाग जाने के सिवा और क्या चारा था?

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